भारत बहुत लम्बे समय तक अंग्रेजो के अधीन था, बहुत लम्बे समय तक अंग्रेजो के अधीन रहने बाद 15 अगस्त 1947 को हमारे देश को आजादी मिली।
लेकिन क्या हमें आजादी ऐसे ही मिल गयी थी, क्या इतने सालों के जुल्म को खत्म करने के लिए अंग्रेज सरकार ऐसे ही मान गयी थी।
नहीं, अंग्रेज सरकार ने यह माना नहीं था, उन्हें हमें आजाद करने का फैसला मानना पड़ा था, क्यूंकि भारत के कईं शूरवीर लोगो ने उन्हें ऐसा करने पर मजबूर कर दिया था।
हम उन शूरवीरों को अब freedom fighters यानि की आज़ादी के लिए लड़ने वाले क्रांतिकारी कहते है। आज हम इस freedom fighters in hindi ब्लॉग में उन्ही साहसी लोगो के बारे में बात करेंगे।
जिनके निरंतर प्रयासों और बलिदानो के बाद आज हम अपने देश में आज़ाद है और अपने अनुसार अपनी ज़िन्दगी जी सकते है।
आज़ादी की इस लड़ाई में अलग अलग लोगों ने भाग लिया, किसी ने शांति के साथ अंग्रेजो तक अपनी बात पहुंचाई तो किसी ने अपने अंदर पनपन रहे देश के लिए ज़ज़्बे के साथ अंग्रेजी हकूमत की टस तोड़ी।
इन सब लोगों का तरीका बेशक अलग अलग हो लेकिन सबके मन में एक ही विचार था की हमें हमारे देश को आज़ादी दिलानी है।
आज हम इन्ही लोगो के बारे में बात करेंगे और कोशिश करेंगे की हम इन लोगों से प्रेरणा ले सके और ज़रूरत पड़ने पर देश हित के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर सकें।
Indian Freedom fighters in Hindi
जैसा की हमनें आपको बताया की भारत को आज़ादी दिलाने में बहुत सारे लोगों ने अपना अपना योगदान दिया, ऐसे बहुत से लोग है,
जिन्होंने इस लड़ाई में अपना योगदान दिया था लेकिन उनका नाम इतिहास के पन्नो में कहीं खो के रह गया है।
भारत के वह शूरवीर इतने है की यह सम्भव ही नहीं है की हम उन सबका नाम अपने इस freedom fighters in hindi ब्लॉग में लिख सकें।
लेकिन हम कोशिश करेंगे की हम अधिक से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में आपको जानकारी दे सकें।
पर जिन जिन फ्रीडम फाइटर्स के नाम हम इस ब्लॉग में नहीं लिख पाए, course mentor की पूरी टीम उनका भी पूरा सम्मान करती है और देश के लिए दिए उनके बलदानों के लिए उनका धन्यवाद भी करती है।
तो चलिए अब हम आपके सामने freedom fighters in Hindi लिस्ट पेश करते है -:
मंगल पांडे
मंगल पाड़े का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर पदेश के बलिया जिले के एक गाँव नगवा में हुआ था। इनका जन्म ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
इनके जन्म को लेकर इंतिहासकारों की अलग अलग राय है, कईं इतिहासकार इनका जन्म फैजाबाद जिले के अकबरपुर तहसील में भी बताते है। इनके पिता का नाम दिवाकर पांडे और माता का नाम अभय रानी था।
इन्होंने भारत की आजादी की पहली लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी, बहुत लोग इन्हें भारत का प्रथम स्वतरंता सेनानी भी मानते है।
वह पहले ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में भर्ती हुए थे, वह सेना में पैदल सेना के सिपाही थे, जिनमें उनका सिपाही नंबर 1446 था।
1857 में जब अंग्रेजी हकूमत के खिलाफ पहली बार विद्रोह किया गया, उस विद्रोह में मंगल पांडे जी का अहम योगदान था।
1857 में हुआ यह विद्रोह ही भारत की आजादी के जंग में नींव की तरह साबित हुआ, इस विद्रोह के बाद ही भारत में आजादी के लिए लड़ाई की लहर दौड़ गई थी।
मंगल पांडे जी को इस विद्रोह की वजह से ईस्ट इंडिया कंपनी ने गद्दार घोषित कर दिया था और फिर 8 अप्रैल 1857 को उन्हें फांसी दे दी गई।
Facts about Mangal Pandey
यह है मंगल पांडे जी के बारे में कुछ अहम बातें -:
- इन्होंने ने 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ पहली जंग शुरू की थी।
- जब वह east इंडिया कंपनी सेना में थे तो उस समय कंपनी ने सेना को गाय और सूअर के मास से बने कारतूस दिए थे, लेकिन भारत के बहुत सारे सैनिकों ने उन्हें इस्तेमाल करने से मना कर दिया था, क्यूंकी कारतूस को मुँह से छीलना पड़ता था, उस समय भारतीय हिन्दू और मुस्लिम सैनिकों ने विद्रोह किया था और मंगल पांडे जी ने इस विद्रोह का नेतृत्व किया था।
- कहा जाता है की मंगल पांडे जी अंग्रेजी हकूमत के इस फैसले पर इतना गुस्सा थे की उन्होंने अंग्रेजी Lieutenant Baugh पर गोली चला दी, गोली का निशाना तो चूक गया था, लेकिन Lieutenant को वहाँ से जान बचा कर भागना पड़ गया था।
- इनके जीवन पर मंगल पांडे – दी राइज़ींग नाम से मूवी बन चुकी है, जिसमें आमिर खान जी ने मुख्य किरदार निभाया।
महात्मा गाँधी
हमारी इस freedom fighters in Hindi की लिस्ट में अगला नाम है महात्मा गांधी जी का। उनका पूरा नाम था मोहनदास कर्मचंद गांधी।
उनके पिता का नाम कर्मचंद गांधी और माता का पुतलीबाई था। उन्होंने देश को आजाद करवाने में एक बहुत अहम भूमिका निभाई।
वह एक बहुत साफ दिल और साधारण जीवन जीने वाले व्यक्ति थे, वह जो धोती पहनते थे उसके लिए सूत वह खुद चरखा चला कर कातते थे।
देश को आजाद करवाने के लिए उन्होंने कईं आंदोलन किए, वह कहीं पर भी अन्याय होता हुआ नहीं देख पाते थे। साउथ अफ्रीका में अश्वेत लोगो पर हो रहे जुल्म पर भी गांधी जी ने अपनी आवाज उठाई थी।
उनके इन योगदानों और उनके विचारों के वजह से आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व उनसे प्रेरणा लेता है। उनके अहम योगदानों की वजह से भारत में उन्हें राष्ट्रपिता कहा जाता है।
Facts about Mahatma Gandhi Ji
यह है महात्मा गांधी जी के बारे कुछ facts जो की आपको पता होने चाहिए -:
- उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा Alfred हाईस्कूल, राजकोट से प्राप्त की थी।
- उनके जन्म दिवस 2 अक्टूबर को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है।
- महात्मा गांधी जी के 2 बड़े भाई और 1 बड़ी बहन थी।
- महात्मा गांधी जी को महात्मा का टाइटल रबिंद्रनाथ टैगोर जी ने दिया था।
- गांधी जी को 5 बार नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट किया गया था, पहली बार सन 1937, 1938, 1939, 1947 और उनकी मृत्यु से कुछ दिन पहले यानी की जनवरी 1948 में।
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शहीद सरदार भगत सिंह जी
जब भी freedom fighters in Hindi की बात होती है तो सरदार भगत सिंह जी का नाम जरूर लिया जाता है।
आखिर लिया भी क्या ना जाए देश की आजादी में जो उनके योगदान है, उसके लिए पूरा भारत उनका आभारी है।
भगत सिंह जी का जन्म 28 सितंबर 1907 को हुआ था और केवल 24 वर्ष की उम्र में 23 मार्च 1931 को वो देश के लिए शहीद हो गए।
उन्हें अंग्रेजी सरकार द्वारा फांसी दे दी गई थी, भगत सिंह जी के विचार बाकी स्वतंत्रता सेनानियों से अलग थे, इसलिए अधिकतर स्वतंत्रता सेनानी उनका खुल के समर्थन नही कर पाते थे।
लेकिन भगत सिंह जी हर एक सेनानी की सोच का मान रखते थे, जिन स्वतंत्रता सेनानियो की सोच उनसे अलग थी, वह उन्हे भी पूरा सम्मान दिया करते थे।
भगत सिंह जी ने देशवासियों के मन में देश की आजादी के चिंगारी जगाने में बहुत अहम योगदान दिया।
Facts about Bhagat Singh Ji -:
यह है सरदार भगत सिंह जी से जुड़ी कुछ बातें -:
- जब भगत सिंह जी के माता पिता उनकी शादी करवाना चाहते थे तो भगत सिंह जी ने यह कह कर घर छोड़ दिया था की अगर देश की आजादी से पहले मेरी शादी होगी तो मेरी दुल्हन केवल मौत होगी।
- उन्होंने और बटुकेश्वर दत्त जी ने मिलकर असेंबली हॉल, दिल्ली में बम फेंके थे और इंकलाब ज़िंदाबाद के नारे लगाए थे। वहां पर बम गिराने के बाद वह भागे नही बल्कि खुद पकड़े गए थे।
- पकड़े जाने पर उन्होंने किसी तरह का डिफेंस नही मांगा और इसे भारत में आजादी की जज्बे को फैलाने के लिए प्रयोग किया।
- उन्हें मौत की सजा 7 अक्टूबर 1930 को सुनाई गई थी। जेल में रहते हुए उन्होंने भारतीय कैदियों और बाहरी कैदियों के बीच हो रहे भेदभाव को देखकर भूख हड़ताल कर दी थी।
- भगत सिंह जी पर बहुत फिल्में बनी है, लेकिन उनमें से The Legend of Bhagat Singh मूवी सबसे अधिक प्रसिद्ध है, इस मूवी में अजय देवगन जी ने प्रमुख भूमिका निभाई है।
सुभाषचद्र बोस
अगली महान शख्सियत जो की हमारी इस freedom fighters in Hindi लिस्ट में है, वह है सुभाष चंद्र बोस।
सुबास चंद्र बोस जी का जन्म 23 जनवरी 1897 में हुआ था और उनकी मृत्यु 18 अगस्त 1945 में देश की आजादी से तकरीबन 2 साल पहले हो गई थी।
सुभाष चंद्र बोस जी को सब लोग नेताजी सुभाष चंद्र बोस कहते है। उन्होंने देशवासियों को आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा दी।
उन्होंने नारा दिया था “तुम मुझे खून दो, मै तुम्हें आजादी दूंगा”। यह नारा आज भी सभी भारतीयों के दिलो में पत्थर पर लिखें अक्षरों की तरह छपा हुआ है।
सुभाष चंद्र बोस ने देश की आजादी की लड़ाई में बहुत अहम योगदान दिया।
Facts about Subhas Chandra Bos
यह है सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी कुछ बातें -:
- सुभाष चंद्र बोस जी स्वामी विवेकानंद जी और श्री रामकृष्ण परमहंसा जी के विचारो से बहुत प्रभावित थे।
- सुभाष चंद्र बोस जी देश की आजादी के लिए लड़ते हुए 11 बार जेल गए।
- नेताजी ने जर्मनी में रहते हुए देश की आजादी के लिए लोगो को बहुत सपोर्ट हासिल की।
- नेताजी की मौत आज भी एक रहस्य है, लेकिन अधिकतर लोगो का कहना है की उनकी मौत ताइवान में हुए प्लेन क्रैश के समय 18 अगस्त 1945 को हो गई थी।
- कईं लोगों का मानना है की उनकी मौत प्लेन क्रैश में हुई थी और यह वहाँ से बचकर, अपनी पहचान छुपा कर रहने लगे थे।
चंद्रशेखर आज़ाद
चंद्रशेखर आजाद जी का जन्म 23 जुलाई 1906 को वर्तमान अलीराजपुर जिले में हुआ था, उनका नाम चंद्र शेखर तिवारी था। उन्हें आजाद और पंडित जी जैसे उपनामों से बुलाया जाता था।
वह शहीद भगत सिंह जी के साथी थे, वह 9 अगस्त 1925 को हुए काकोरी काण्ड में शामिल थे, जिसमें अंग्रेजी सरकार के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए हथियार खरीदने के लिए अंग्रेजी सरकार का ही खजाना लूट लिया गया था।
उन्होंने भगत सिंह जी के साथ मिलकर लाल लाजपत राय जी की मौत बदला लिया। उन्होंने भगत सिंह जी के असेंबली में बम फेंकने में भी सहायता की।
27 फरवरी 1931 को अंग्रेजी सरकार ने इन्हें अल्फ्रेड पार्क में घेर लिया और इन्हें surrender करने का कहा, लेकिन इन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया और एक पुलिस इंस्पेक्टर को गोली मार दी।
चंद्र शेखर आजाद जी ने 5 गोलियां चलाकर, 5 लोगो की हत्या कर दी, उसके बाद उन्होंने अंतिम बची गोली खुद को मारकर आत्महत्या कर ली, इन्होने देश की आजादी के लिए देशवासियों में एक अलग ही हुंकार भर दी।
यदि कभी freedom fighters in Hindi जैसी किसी लिस्ट को पेश किया जा रहा हो और इनका नाम ना आएं, तो हम उस लिस्ट को कभी पूरा नहीं मानेंगे।
Facts about Chandra Shekhar Azad
यह है चंद्रशेखर आजाद से जुड़ी कुछ बातें -:
- चंद्रशेखर आजाद 1921 में जब वह एक स्कूल स्टूडेंट हुए करते थे, तभी आजादी की जंग में हिस्सा लेने लगे थे।
- इन्होंने गाँधी जी के द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन में भाग लिया था, जिसकी वजह से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, जब उन्हें जज के सामने पेश किया गया तो उन्होंने वहाँ अपना नाम आजाद बातया।
- उन्होंने जब अपने आपको आजाद नाम दिया था, उन्होंने तब यह शपथ ली थी की पुलिस उन्हें कभी जिंदा नहीं पकड़ पाएगी।
- आजाद जी एक लाइन को बहुत बाहर दोहराया करते थे, जो की कुछ इस प्रकार है “दुश्मनों की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही थे और आजाद ही रहेंगे।”
- इनके अपने साथी ने ही अंग्रेजों को बताया था की यह अल्फ्रेड पार्क में मोजूद है और यह वहाँ कितनी देर रहेंगे।
- इनके जीवन पर एक मूवी बनाई गई है, जिसका नाम है शहीद चंद्रशेखर आजाद, इस मूवी में इनकी कहानी को दिखाया गया है।
रानी लक्ष्मी बाई
हमारी इस freedom fighters in Hindi लिस्ट में अब हम एक महिला के बारे में बात करेंगे।
नीचे हमनें महिला freedom fighters in hindi के लिए एक अलग लिस्ट बनाएंगे, लेकिन हम झांसी की रानी जी के हौंसले से इतना प्रेरित है की हम उनका नाम यहां लिखें बिना नही रह पाए।
रानी लक्ष्मी बाई यानी झांसी की रानी, इनके बारे में जो कुछ भी कहा जाए कम है, इनके नाम को सुनकर ही मन में एक अलग प्रकार का होंसला उत्पन्न हो जाता है।
इनपर एक कविता भी लिखी गई है “खूब लड़ी मर्दानी, वो झांसी वाली रानी थी”।
यह कविता को हम जितनी भी बार पढ़ ले, हमारी आंखों में आसूं आ जाते है, रानी लक्ष्मी बाई के हौंसले के बारे में बात करने के हम खुद को लायक भी नहीं समझते।
इनका जन्म 19 नवंबर 1828 को हुआ था, वह झांसी राज्य की रानी थी, उनके पिता का नाम मोरोपन्त ताम्बे और माता का नाम भागीरथी सापरे था, उनका विवाह झांसी नरेश महराज गंगाधर राव नवेलकर से हुआ था।
उन्होंने 29 वर्ष की उम्र में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ युद्ध किया, वह पूरे साहस के साथ युद्ध में लड़ी, युद्ध के दौरान ही सिर पर तलवार लगने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई, वह 18 जून 1858 को शहीद हुई थी।
Facts about Rani Lakshmi Bai
यह है रानी लक्ष्मी बाई से जुड़ी कुछ बातें -:
- इनको इनके माता पिता ने मणिकर्णिका नाम दिया था और इन्हें प्यार से मनु कह कर बुलाया जाता था, शादी के बाद इनको रानी लक्ष्मी बाई के नाम से जाना जाने लगा।
- उनके पिता ने उन्हीं तीरंदाजी जैसे कईं युद्ध कौशल उनको छोटी उम्र से ही सीखने लगे थे।
- उन्होंने केवल 4 वर्ष की उम्र में ही अपनी माता को खो दिया था, उनकी माता की मृत्यु के बाद उनके पिता जी ने बड़े लाड़ प्यार से उनको पालन पोषण किया।
- जब झांसी के महाराज यानि की उनकी पति की मृत्यु हुई तो 1853 में केवल 18 वर्ष की आयु में उन्होंने झांसी राज्य को संभालना शुरू किया।
लाल बहादुर शास्त्री
हमारी आज की इस freedom fighters in Hindi लिस्ट में जो अगला नाम है, वह है लाल बहादुर शास्त्री जी का।
लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे, उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 में वाराणसी में हुआ था।
उन्होंने काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि प्राप्त की,शास्त्री जी ने देश की आजादी के संघर्ष में अहम योगदान दिए।
उन्होंने देश के प्रधानमंत्री मंत्री बनने के बाद लगभग 18 महीनो तक देश की सेवा की।
लेकिन फिर 11 जनवरी 1966 को सोवियत संघ रूस में इनकी मृत्यु हो गई।
Facts about Lal Bahadur Shashtri
यह है लाल बहदूर शास्त्री से जुड़ी कुछ बातें -:
- लाल बहादुर शास्त्री जी के पिता की मृत्यु तभी हो गई थी, जब वह केवल डेढ़ साल के थे।
- उनके पिता की मृत्यु के बाद उनकी माता जी अपने तीन बच्चों के साथ अपने पिता यानि की शास्त्री जी के नाना जी के घर चले गए, शास्त्री जी का पालन पोषण फिर वहीं पर हुआ।
- उन्होंने वाराणसी से हाई स्कूल की शिक्षा प्राप्त की, जहां पर वह नंगे पाँव कईं किलोमीटर दूर अपने स्कूल जाया करते थे।
- यह गाँधी जी के विचारों से बहुत प्रेरित थे और कमाल के इत्तेफाक की बात है की इनका जन्मदिवस भी गाँधी जी के साथ ही आता है।
- इनकी मौत को बहुत लोग रहस्यमयी मानते है, इनकी मौत के स्पष्टीकरण पर सवाल उठाते हुए The Tashkent Files नाम की एक मूवी भी बनी है।
List of Some Other Freedom Fighters in Hindi
हमारे देश को आजाद करवाने में इतने लोगों ने अहम योगदान दिया है की उन सब का नाम यहाँ बता पान बहुत मुश्किल है।
फिर भी हम पूरी कोशिश कर रहे है की आपको अधिक से अधिक लोगों के बारे में बता सकें, तो यह रहीं कुछ ओर freedom fighters in Hindi की लिस्ट -:
Freedom Fighters in Hindi | उनके बारे में कुछ बात |
लाला लाजपत राय | इन्होंने देश में कुछ स्कूल स्थापित करवाए, उसके साथ इन्होंने पंजाब नैशनल बैंक और हिन्दू ऑर्फन रीलीफ मूवमेंट की नींव रखी। |
नाना साहब | नाना साहब जी ने अंग्रेजों द्वारा दिए गए प्रस्तावों को ठुकरा दिए और 1857 में हुए युद्ध में एक अहम भूमिका निभाई। इन्होंने पुणे के विकास में बहुत योगदान दिया। |
सरदार वल्लभभाई पटेल | इन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है, उन्होंने आजादी के बाद भारत का एकीकरण करने में अहम भूमिका निभाई। |
दादा भाई नौरोजी | इन्हीं भारत का “Grand old man‘ भी कहा जाता है, वह एक उच्च राष्ट्रवादी नेता और राजनेता थे। |
तांत्या टोपे | तांत्या टोपे का नाम तो आपने सुना ही होगा, यह भारत के प्रथम स्वत्रता संग्राम में प्रमुख सेनानायक थे। |
शहीद उधम सिंह | शहीद उधम सिंह जी भी एक फ्रीडम फाइटर थे, इन्होंने जलियाँवाले भाग हत्याकांड का बदल लेने के लिए जनरल Michael ‘O’Dwyer |
गोपाल कृष्ण गोखले | गोपाल कृष्ण गोखले भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के प्रसिद्ध नरमपंथी थे। |
राज गुरु | राज गुरु जी भागत सिंह जी और सुखदेव जी के साथी थे, इन्होंने भी देश की आजादी के लिए अपना योगदान दिया, इन्हें भी भगत सिंह जी और सुखदेव जी के साथ फांसी दी गई थी। |
सुखदेव थापर | सुखदेव जी स्वतंत्रता क्रांतिकारी थे, यह भगत सिंह जी के साथी थे और उन्हें भी भगत सिंह जी के साथ फांसी दी गई थी। |
राम प्रसाद बिस्मिल | राम प्रसाद बिस्मिल जी भी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख क्रांतिकारी थे, इन्हें भी अंग्रेजी सरकार द्वारा फांसी दी गई थी। |
खुदीराम बोस | खुदीराम जी ने भी देश की आजादी के लिए बहुत लड़ाईयो में अपना योगदान दिया और 18 वर्ष की उम्र में शहीद हो गए, अंग्रेजी सरकार ने इन्हें फांसी दी थी। |
भीमराव अम्बेडकर | यह डॉ बाबासाहेबअंबेडकर के नाम से लोकप्रिय थे, यह अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे। |
Woman Indian Freedom Fighters in Hindi
यह रहीं कुछ महिला freedom fighters in Hindi, जिन्होंने हमारे देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
Woman Freedom Fighters in Hindi | उनके बारे में कुछ बात |
झांसी की रानी | सन 1857 में हुए विद्रोह में झांसी की रानी यानि रानी लक्ष्मीबाई जी ने अपना अहम योगदान दिया था। |
सावित्रिभाई फुले | इन्होंने लड़कियों पर हो रहे उत्पीड़न और उनकी शिक्षा को लेकर अपनी आवाज उठाई और महिलाओ को उनका अधिकार दिलवाने के लिए अपना अहम योगदान दिया। |
सरोजिनी नायडू | इन्होंने महिला उत्पीड़न के विरुद्ध अपनी आवाज उठाई, यह INC की पहली प्रेसीडेंट थी, यह उत्तरप्रदेश के गवर्नर पद पर भी रही। |
सुचेता कृपलानि | इन्होंने भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लिया था, यह गाँधी जी के सबसे कारीबियों में से एक थी, वह भारत के किसी भी राज्य की मुख्यमंत्री बनने वाली पहली महिला है। |
किटटूर रानी चेन्नम्मा | 1857 के विद्रोह से 33 साल पहले ही इन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था और युद्ध में यह पूरे साहस के साथ लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुई। |
बेगम हजरत महल | यह भी 1857 के युद्ध में एक अहम भूमिका में थी, इन्होंने ग्रामीणों को अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध एक जुट करने का कार्य किया। |
विजयलक्ष्मी पंडित | यह जवाहरलाल नेहरू जी की बहन थी, इन्होंने भी देश की सेवा में अपना बहुत योगदान दिया। |
भीकाजी कामा | यह इन प्रवक्ताओ में से एक थी जिन्होंने भारतीय होम रूल सोसायटी को स्थापित किया था, यह साहित्य में भी रुचि रखती थी, उन्होंने कई क्रांतिकारी साहित्य लिखे। |
अरुणा आसफ अली | इन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ी गई लड़ाइयों में हिस्सा लिया, उसके साथ यह तिहार जेल में राजनीतक कैदीओं की हक के लिए लड़ाई लड़ी, जिस वजह से इन्हें कलकोठरी की सजा सुनाई गई। |
ऊषा मेहता | इन्होंने केवल 8 वर्ष की उम्र में ही साइमन गो बैक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया, इसके बाद इन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भी हिस्सा लिया। |
Essay on Freedom Fighters in Hindi
बहुत सारे लोगो ने हमें आज़ादी दिलाने के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए, हम देश के लिए उनके किये बलिदानो के लिए सदा उनके आभारी रहेंगे।
अधिकतर सेनानी तो ऐसे है जिन्होंने जिस आज़ादी के लिए अपने प्राण भी दे दिए, उन्हें वह आज़ादी देखने के लिए भी नहीं मिली।
उन्होंने हमारे लिए इतना सब कुछ किया है तो यह हमारी ज़िम्मेदारी बनती है की हम उनके आज इस दुनिया में ना होने के बावजूद हमेशा उनको याद रखें।
हमें उन्हें हमारे दिलो में हमेशा के लिए ज़िंदा रखना है, तो ऐसे में सब यह चाहते है की आने वाली पढियाँ भी उन्हें हमेशा याद रखें।
आने वाली भी पढियाँ भी यह समझे की जिस हवा में वह सांस ले रहे है, उस हवा में हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और ज़ज़्बे की महक है।
ताकि आने वाली पढियाँ भी उन्हें याद रखें इसलिए स्कूलो, कॉलेजों में freedom fighters in hindi पर निबंध लिखवाये जाते है।
हम भी इस ब्लॉग में एक निबंध हमारे स्वतंत्रता सेनानियों पर लिख रहे है ताकि आप उनके बलिदानो को और अच्छे से समझ सकें।
Indian Freedom Fighters in Hindi
भारत बहुत सालों तक अंग्रेजो की क्रूरता को सहता रहा और उनके अधीन रहा, लेकिन 15 अगस्त 1947 को हमारे देश को आज़ादी मिली।
लेकिन यह आज़ादी ऐसे ही नहीं मिली बहुत लोगो बलिदानो के बाद हमें यह आज़ादी मिली, वो लोग जो की देश की आज़ादी के लिए लड़े, वह थे हमारे freedom fighters यानि की स्वतंत्रता सेनानी।
बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानियों के प्रयासों के बाद जा कर हमें यह आज़ादी मिली है, उन लोगों ने लगातार अंग्रेजी हकूमत के खिलाफ अपनी आवाज़ उठायी।
जिसकी वजह से उनमें से कईं को जेल जाना पड़ा, कई लोगो की हत्या कर दी गयी और कईं लोगो को बुरी तरह से प्रताड़ित किया।
लेकिन इसके बावजूद हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने हार नहीं मानी, उन्होंने उनके सामने आयी हर चुनौती का सामना किया, अंग्रेजी हकूमत के खिलाफ होने के वजह से उनपर कईं तरह के ज़ुल्म भी किये गए।
पकडे जाने पर उन लोगो के साथ जानवरो से भी बुरा सुलूक किया जाता था। लेकिन उन सब के मन में एक ही बात थी की उन्हें अपने देश को आज़ाद कराना है।
इसलिए उन्होंने उन पर हुए हर ज़ुल्म का सामना किया और देश के लिए लड़े, वह भी हमारे जैसे आम नागरिक ही थे, लेकिन उनमें एक ज़ज़्बा था की वह अपने देश के लिए कुछ करेंगे।
उनमें से बहुत लोगो को लड़ना नहीं आता था, लेकिन वह लोग फिर भी जंग में उतरे, उनमें से कहीं शारीरक रूप से ताक़तवर नहीं थे, लेकिन उनके हौसले के आगे शक्तिशाली से शकितशाली व्यक्ति भी हार जाता था।
वह सब लोग एक जैसे नहीं थे, उनमें असमानताएं थी लेकिन एक चीज़ जो समान करती थी, वह थी उनका देश के लिए प्यार और देश को आज़ादी दिलाने का उनका ज़ज़्बा।
वह अपने से ऊपर अपने देश को मानते थे, इसलिए असामनातये होने के बावजूद भी वह लोग एक साथ एक जुट होकर अंग्रेजो के खिलाफ लड़े और उन्होंने हमारे देश को आज़ादी दिलाई।
हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरणा लेनी चाहिए और समझना चाहिए की व्यक्ति का सम्प्रदायिकता नहीं समझना चाहिए, इन सब से ऊपर एक चीज़ होती है वह है देश।
देश से ऊपर कोई धर्म नहीं होता और ना ही कोई जात होती है, इसलिए हम सब को एक जुट होकर रहना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए की कैसे हम अपने देश के हित में काम आ सकते है।
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Conclusion about Freedom Fighters in Hindi
तो यह था आज का ब्लॉग “Freedom fighters in Hindi” के बारे में।
हमें उम्मीद है की आपको आज का यह ब्लॉग पसंद आया होगा, इसमें हमें आपको हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारी दी।
हमारे देश को आज़ादी के लिए बहुत अधिक लोगो ने अपने बलिदान दिए है, उनकी वजह से ही हम आज इस आज़ाद देश में जी रहे है।
हमें उनके बलिदानों को हमेशा याद रखना चाहिए और हमेशा उन्हीं अपने दिलो में ज़िंदा रखना है।
तो इसी के साथ आज के ब्लॉग में इतना ही, ऐसे ही ओर ब्लॉग्स को पढ़ने के लिए आप course mentor से जुड़ें रहें।
FAQ about Freedom Fighters in Hindi
फ्रीडम फाइटर को हिंदी में क्या बोलते हैं?
फ्रीडम फाइटर को हिंदी में स्वतंत्रता सेनानी कहते है, यानि की ऐसे लोग जिन्होने देश को आज़ादी दिलाने के लिए क्रांति की हो, उन लोगो को फ्रीडम फाइटर कहा जाता है। महात्मा गाँधी जी, भगत सिंह जी जैसे बहुत से लोग हमारे फ्रीडम फाइटर है।
भारत में प्रथम स्वतंत्रता सेनानी कौन है?
भारत का प्रथम स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे जी को कहा जाता है, वह अंग्रेजी सेना में एक सिपाही थे। 1857 में जब अंग्रेजो के खिलाफ भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम हुआ था, उस संग्राम में इन्होने बहुत भूमिका निभाई थी।
देश आजाद कराने में कौन कौन थे?
भारत को आज़ाद कराने में किसी एक व्यक्ति का हाथ नहीं था, बहुत सारे लोगो के निरंतर प्रयास के बाद भारत को आज़ादी मिली, लेकिन जिन्होंने इस लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी उनमें से कुछ लोग इस प्रकार है -:
1. मंगल पांडे
2. सरदार भगत सिंह
3. महात्मा गाँधी जी
4. सुभाषचंद्र बोस
5. चंद्रशेखर आज़ाद।