मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त, 1910 को स्कॉप्जे (अब मसेदोनिया में) में हुआ। उनके पिता निकोला बोयाजू एक साधारण व्यवसायी थे। मदर टेरेसा का वास्तविक नाम ‘अगनेस गोंझा बोयाजिजू’ था।
मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को नार्थ मेसेडोनिया में हुआ था, इनका नाम अगनेस गोंझा बोयाजिजू (Agnes Gonxha Bojaxhiu) था। इनके पिता एक व्यवसायी थी, जो येशु के अनुयायी थे। 1919 इनकी मौत हो गई, जिसके बाद मदर टेरेसा को उनकी माता ने बड़ा किया था।
सिस्टर टेरेसा आयरलैंड से 6 जनवरी, 1929 को कोलकाता में ‘लोरेटो कॉन्वेंट’ पंहुचीं। वह एक अनुशासित शिक्षिका थीं और विद्यार्थी उनसे बहुत स्नेह करते थे। वर्ष 1944 में वह हेडमिस्ट्रेस बन गईं।
मदर टेरेसा ने अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी की. वह सुरीली आवाज की भी धनी थी। वे चर्च में अपनी माँ व बहन के साथ येशु की महिमा के गाने गाया करती थी। 12 साल की उम्र में वे अपने चर्च के साथ एक धार्मिक यात्रा में गई थी, जिसके बाद उनका मन बदल गया
वर्ष 1946 में उन्होंने गरीबों, असहायों, बीमारों और लाचारों की जीवनपर्यांत मदद करने का मन बना लिया। इसके बाद मदर टेरेसा ने पटना के होली फॅमिली हॉस्पिटल से आवश्यक नर्सिग ट्रेनिंग पूरी की
भारत सरकार ने उन्हें पहले पद्मश्री (1962) और बाद में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ (1980) से अलंकृत किया। संयुक्त राज्य अमेरिका ने उन्हें वर्ष 1985 में मेडल आफ़ फ्रीडम 1985 से नवाजा। मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला।
साल 1991 में मैक्सिको में न्यूमोनिया के बाद उनके ह्रदय की परेशानी और बढ़ गयी। 13 मार्च 1997 को उन्होंने ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ के मुखिया का पद छोड़ दिया और 5 सितम्बर, 1997 को उनकी मौत हो गई।