मंगल पांडे का जन्म 30 जनवरी 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा गांव में हुआ था। मंगल पाण्डेय के पिता का नाम दिवाकर पांडे था और मा का नाम श्रीमती अभय रानी था।
मंगल पांडे का प्रारंभिक जीवन
1857 मे मंगल पांडे ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के शुरुआत की थी। मंगल पांडे द्वारा शुरू की गई गई क्रांति की ज्वाला से अंग्रेज़ सरकार बुरी तरह हिल गया थी।
मंगल पांडे का कार्य
इशाई मिश्निरियों द्वारा धर्म परिवर्तन से भारतीय लोगों के मन में अंग्रेजो के प्रति पहले ही नफरत पैदा कर दी थी अंग्रेजो ने सेना को राइफल में नई कारतूसों का इस्तेमाल करने को दिया था।
गाय और सूअर की चर्बी वाले कारतूस
भारतीय सैनिकों के साथ होने वाले भेदभाव से भारतीय सैनिकों मे पहले से ही में असंतोष था और कारतूसों की अफवाह ने आग में घी का काम किया था। 9 फरवरी 1857 को जब कारतूस भारतीय सैनिकों मे बांटा जा रहा था, तब मंगल पांडे ने उसे लेने से माना कर दिया।
मंगल पांडे का विद्रोह
उन पर कोर्ट मार्शल द्वारा मुकदमा चलाकर 6 अप्रैल 1857 को फांसी की सजा सुना दी गयी। 18 अप्रैल 1857 को फाँसी का दिन तय किया गया , पर अंग्रेजों ने मंगल पाण्डेय को समय से दस दिन पूर्व ही 8 अप्रैल सन् 1857 को फाँसी पर लटका दिया गया।
मंगल पांडे की मृत्यु
मंगल पांडे की मृत्यु के बाद इस विद्रोह में सैनिकों समेत राजा-रजवाड़े, जमींदार, किसान और मजदूर भी शामिल हो गए और अंग्रेजी सरकार को तगड़ा झटका दिया।
मंगल पांडे की मृत्यु के बाद
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