Maharana Pratap History in Hindi

प्रारंभिक जीवन 

जन्म 9 मई, 1540 को राजस्थान के कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। उनका जन्म हिन्दी तिथि के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है। पिता महाराजा उदयसिंह और माता राणी जीवत कंवर 

निजी जीवन  

महाराणा प्रताप की पहली रानी का नाम अजबदे पुनवार था। इनके दो पुत्र थे, अमर सिंह और भगवान दास। इसके अलावा प्रताप की 10 और पत्नियाँ भी थी. प्रताप के कुल 17 पुत्र और 5 पुत्रियाँ थी।

राजतिलक

महाराणा प्रताप का राजतिलक गोगुंदा, उदयपुर में हुआ था। राणा प्रताप के पिता उदयसिंह ने अकबर से भयभीत होकर मेवाड़ त्याग कर अरावली पर्वत पर डेरा डाला और उदयपुर को अपनी नई राजधानी बनाया था। 

राजपूत ही हो गए थे प्रताप के खिलाफ   

हल्दीघाटी के युद्ध से पहले काफी राजपूत महाराणा प्रताप के खून के दुश्मन बन गए थे।  राजा भगवान दास सभी को अपने साथ मिलाकर 1576 में प्रताप के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया।

उनका घोड़ा चेतक

चेतक में संवेदनशीलता, वफ़ादारी और बहादुरी की भरमार थी। यह नील रंग का अफ़गानी अश्व था। चेतक की बदौलत उन्होंने अनगिनत युद्ध जीते थे। हल्दी घाटी के युद्ध में चेतक काफी घायल हो गया था। 

देहांत 

महाराणा प्रताप का निधन 57 वर्ष की आयु में 19 जनवरी 1597 को हो गया था। वह जंगल में एक एक दुर्घटना की वजह से घायल हो गए थे।

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