By Course Mentor
कबीर या कबीर साहेब जी 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में परमेश्वर की भक्ति के लिए एक महान प्रवर्तक के रूप में उभरे।
कबीर के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कुछ लोगों के अनुसार वे जगद्गुरु रामानन्द स्वामी के आशीर्वाद से काशी की एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे।
कबीर का विवाह वनखेड़ी बैरागी की पालिता कन्या ‘लोई’ के साथ हुआ था। कबीर को कमाल और कमाली नाम की दो संतान भी थी। कबीर का पुत्र कमाल उनके मत का विरोधी था।
कबीर साखी कबीर बीजक कबीर शब्दावली कबीर दोहवाली कबीर ग्रंथावली कबीर सागर
साधो, देखो जग बौराना सहज मिले अविनासी काहे री नलिनी तू कुमिलानी मन मस्त हुआ तब क्यों बोलै रहना नहिं देस बिराना है कबीर की साखियाँ हमन है इश्क मस्ताना
जन्म की भाँति इनकी मृत्यु तिथि एवं घटना को लेकर भी मतभेद हैं किन्तु अधिकतर विद्वान् उनकी मृत्यु संवत 1575 विक्रमी (सन 1518 ई.) मानते हैं, इतिहासकार उनकी मृत्यु 1448 को मानते हैं।