स्कूल के घंटों के बाद जो कार्य, प्रोजेक्ट या अभ्यास अध्यापकों द्वारा छात्रों को विषय के कुछ कार्य घर से करके लाने को कहां जाता है, उसे ही हम गृहकार्य या होमवर्ककहते है।
कक्षा में ऐसा हो सकता है कि जो कुछ भी हमने पढ़ा उसे कम समय के कारण अच्छे से समझ नहीं पाएं। लेकिन हम होमवर्क से उस विषय को संशोधन कर अच्छे से समझ सकते है।
रोजाना के होमवर्क से हमने जो भी कक्षा में पढ़ा, उसका अभ्यास हो जाता है, और हम उसके मतलब को भी आसानी से समझ सकते है।
होमवर्क के कार्य में लिखना और पढ़ना दोनों प्रकार के कार्य आते है, जिससे हमें लिखने और पढ़ने के तरीकों से हमारा अभ्यास होता है और उससे हमारी समझने की क्षमता भी बढ़ती हैं।
कक्षा में हमारे अध्यापक बच्चों को उसके सवालों, जबाबों कार्यों और उनके नए प्रोजेक्ट के तरीकों से उनके मूल्यांकन करने में मदद मिलती है।
होमवर्क के द्वारा छात्र अपनी कड़ी मेहनत और लगन से अपनी प्रगति का रास्ता बनाते है। इसके द्वारा छात्र अपने समय का विश्लेषण कर उसे प्रबंधित करता है।
अपने होमवर्क से छात्र अपनी सोच, याद करने की शक्ति, अपने कौशल को और बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इसके कारण वह अपने कार्यों के प्रति काफी जिम्मेदार हो जाता है।