Gulzar Shayari in Hindi

By Course MentoR

Gulzar Shayari  in Hindi

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दौलत नहीं शोहरत नहीं,न वाह चाहिए “कैसे हो?” बस दो लफ़्जों की परवाह चाहिए

हम समझदार भी इतने हैं के उनका झूठ पकड़ लेते हैं और उनके दीवाने भी इतने के फिर भी यकीन कर लेते है

Gulzar Shayari  in Hindi

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जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है मीठा सा गम  मीठी सी तन्हाई है।

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता

Gulzar Shayari  in Hindi

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पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो, कोई पुरानी तमन्ना, पिंघल रही होगी।

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता

Gulzar Shayari  in Hindi

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आप के बाद हर घड़ी हम ने आप के साथ ही गुज़ारी है

यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता कोई एहसास तो दरिया की अना का होता

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दर्द हल्का है साँस भारी है, जिए जाने की रस्म जारी है।

मैंने मौत को देखा तो नहीं, पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी।  कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं, जीना ही छोड़ देता हैं।

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