जलवायु परिवर्तन को आम तौर पर मौसम की औसत स्थिति के बदलाव के रूप में परिभाषित किया जाता है। जलवायु कई कारकों से निर्धारित होती है। रिकॉर्ड बाढ़, प्रचंड तूफान, जानलेवा गर्मी इन सब घटनाओं से जलवायु परिवर्तन को अनुभव किया जा सकता है और इन्हें प्रत्येक जीवित प्राणी द्वारा अनुभव किया जा सकता है।
समुद्र का स्तर बढ़ना (Rising Sea Levels) जलवायु परिवर्तन से समुद्र के स्तर में वृद्धि होती है। दुनिया भर में समुद्र का औसत स्तर पिछले 100 वर्षों में लगभग 8 इंच (20 सेमी) बढ़ा है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण जलवायु वैज्ञानिकों को अगले 100 वर्षों में समुद्र के स्तर में और अधिक तेजी से वृद्धि की उम्मीद है।
बर्फ का पिघलना (Melting Ice) अनुमान है अगले 100 वर्षों के भीतर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण दुनिया के ग्लेशियर गायब हो जाएंगे, जिसमें ध्रुवीय आइस कैप्स, और विशाल अंटार्कटिक बर्फ शेल्फ, ग्रीनलैंड जो फिर से हरा हो सकता है। आने वाले वक्त में ग्लेशियर में बर्फ का जमना एक दुर्लभ घटना बन जाएगी। तूफान और आंधी में वृद्धि होगी, और बाढ़ आना आम हो जाएगी।
खाद्य सुरक्षा में कमी (Decrease in Food Security) बढ़ते तापमान के सबसे महत्वपूर्ण प्रभावों में से एक है वैश्विक कृषि, अलग-अलग फसलें काफी विशिष्ट तापमान पर सबसे अच्छी बढ़ती हैं और जब उन तापमानों में बदलाव होता है, तो उनकी उत्पादकता में काफी बदलाव आता है।