अलाउद्दीन खिलजी एक महत्वकांक्षी शासक था जिसने दिल्ली सल्तनत पर शासन किया था। खिलजी वंश के प्रथम शासक जलाउद्दीन खिलजी के बाद अलाउदीन राजगद्दी पर बैठा था। अलाउद्दीन खिलजी को इतिहास में क्रूर शासक के तौर पर जाना जाता है।
अलाउद्दीन खिलजी प्रारंभिक जीवन
अलाउद्दीन खिलजी के जन्म को लेकर इतिहासकारों के अलग-अलग मत है। उसका जन्म 1260 से 1275 के बीच में माना जाता है। उनका वास्तविक नाम अली गुरशास्प उर्फ़ जूना खान खिलजी था।
अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्दावती
1302 से 1303 ईसवी में अलाउद्दीन खिलजी ने राजपूत राजा रतन सिंह के राज्य चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण किया था, इस हमले के पीछे कुछ इतिहासकार यह तर्क देते हैं कि, खिलजी ने रतन सिंह की बेहद खूबसूरत पत्नी रानी पद्दावती को अपने हरम में शामिल होने को कहा।
अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण और विद्रोह
306 में अलाउद्दीन के समय में दिल्ली का सुल्तान एवं मंगोलों के बीच रावी नदी सीमा थी। शासक अलाउद्दीन के शासन के प्रारम्भ में कुछ विद्रोह भी हुए। 1299 में नवीन मुसलमानों वह 4000 मंगोल जो जलालुद्दीन खिलजी के राज में इस्लाम कबूल कर दिल्ली में बस गये थे।
अलाउद्दीन खिलजी की उपलब्धियां
एक तरफ महत्वकांक्षी शासक खिलजी ने जहां अपने शासनकाल में लूटपाट कर कई राज्यों पर अपना तानाशाह शासन चलाया तो वहीं उसने अपने राज में कई ऐसी सराहनीय व्यवस्थाएं भी लागू की, जिससे आम जनता को काफी फायदा हुआ और वह इतिहास में एक कुशल एवं सफल शासक के रुप में उभरा।
अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु
इतिहास के सबसे क्रूर और निर्दयी शासकों में से एक अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु 1316 ईसवी में हो गई। खिलजी मृत्यु के विषय में इतिहासकारों के मुताबिक उसकी मौत किसी लंबे समय तक रहने वाली गंभीर बीमारी की वजह से हुई थी।
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